मोदी राज में हुई भारत की एक और बेइज्जती, लोकसभा चुनाव में फैलेगी गलत सूचनाएं, WEF की रिपोर्ट ने किया खुलासा
मोदी राज में हुई भारत की एक और बेइज्जती, लोकसभा चुनाव में फैलेगी गलत सूचनाएं, WEF की रिपोर्ट ने किया खुलासा
इस चुनावी वर्ष में भारत में सबसे ज्यादा झूठी जानकारी फैलेगी. वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम 2024 की रिपोर्ट (WEF Report) में यह दावा किया गया है. यह रिपोर्ट 34 आर्थिक, पर्यावरणीय, भू-राजनीतिक, सामाजिक और तकनीकी जोखिमों की रैंकिंग के आधार पर बनाई गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा गलत सूचना और दुष्प्रचार फैलाने वाले देशों में भारत सबसे आगे है.विशेषज्ञों ने संक्रामक रोगों, अवैध आर्थिक गतिविधि, असमानता (धन, आय) और श्रम की कमी से पहले गलत सूचना और दुष्प्रचार को भारत के लिए नंबर एक जोखिम बताया है.
चुनाव में फैलेगी गलत सूचना
बता दें कि अप्रैल और जून के बीच में देश में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं. इससे पहले ऐसी रिपोर्ट (WEF Report) का सामने आना चिंता को बढ़ाता है. पिछले चुनाव में भी पार्टियों के समर्थकों ने भड़काऊ संदेश फैलाने के लिए व्हाट्सएप और फेसबुक का सहारा लिया था. इन भड़काऊ संदेशों की वजह से देश में दंगे होने का डर बढ़ गया था. कोविड महामारी के दौरान भी देश में बहुत ज्यादा गलत सूचना फैलाई गई थी. ऐसे में इस साल गलत सूचना में बढ़ोतरी होना देश के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. डब्ल्यूईएफ विश्लेषकों की मानें, तो इससे नव निर्वाचित सरकारों की वास्तविक और कथित वैधता गंभीर रूप से अस्थिर हो सकती है, जिससे राजनीतिक अशांति, हिंसा और आतंकवाद का खतरा हो सकता है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अलावा अल साल्वाडोर, सऊदी अरब, पाकिस्तान, रोमानिया, आयरलैंड, चेकिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिएरा लियोन, फ्रांस और फिनलैंड भी गलत सूचना और गलत सूचना के प्रभाव के उच्च जोखिम का सामना करने वाले देशों में शामिल हैं. वहीं, यूनाइटेड किंगडम गलत सूचना खतरों की श्रेणी में 11 वें स्थान पर है. मालूम हो कि यह डेटा 4 सितंबर से 9 अक्टूबर 2023 तक इकट्ठे किए गए सर्वेक्षण के साथ शिक्षा, व्यवसाय, सरकार, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और नागरिक समाज के 1,490 विशेषज्ञों की राय पर आधारित है.
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