Manipur: मणिपुर के बिगड़े हालात, PM मोदी ने साधी चुप्पी, मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिख मांगा जवाब

Manipur: मणिपुर के बिगड़े हालात, पीएम ने साधी चुप्पी, मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिख मांगा जवाब

Manipur: मणिपुर के बिगड़े हालात, पीएम ने साधी चुप्पी, मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिख मांगा जवाब

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मणिपुर (Manipur) में हिंसा थामने का नाम नहीं ले रहा है। 9 महीने बीत चुके हैं, पर अभी भी हालात सुधरने के बजाय और बद्तर होते जा रहे हैं। वहीं इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की लगातार चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर के लोगों के साथ अन्याय है।

क्या क्या खरगे ने?

मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र में लिखा है कि मणिपुर (Manipur) में हिंसा भड़के लगभग नौ महीने हो गए हैं और स्थिति बद से बदतर हो गई है। उन्होंने बताया कि 24 जनवरी, 2024 को इम्फाल के ऐतिहासिक कांगला किले में मंत्रियों/सांसदों/विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी। ये ऐसी जगह है जहां केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों द्वारा कड़ी सुरक्षा रहती है। बैठक में उपस्थित कई सदस्यों को एक सशस्त्र समूह द्वारा इस बैठक में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और वांगखेम से विधायक कीशम मेघचंद्र पर इस दौरान बेरहमी से हमला किया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया।

पीएम मोदी पर उठाया सवाल

उन्होंने आगे लिखा कि केंद्रीय और सुरक्षा बलों और खुफिया कर्मियों की भारी मौजूदगी के बावजूद यह चौंकाने वाली घटना हुई है। आज तक, एक गैर-राज्य अभिनेता द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के इस बेहद परेशान करने वाले तोड़फोड़ पर मणिपुर के मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह शर्मनाक है कि जब मणिपुर की बात आती है तो प्रधानमंत्री की स्पष्ट चुप्पी राज्य और केंद्र दोनों के सभी महत्वपूर्ण हितधारकों की प्रचलित रणनीति लगती है।

मणिपुर में बिगड़े हालात

कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा कि मैं स्वयं 14 जनवरी, 2024 को भारत जोड़ो न्याय यात्रा की उद्घाटन रैली के लिए मणिपुर गया था। मेरा अनुभव वैसा ही था जैसा राहुल गांधी ने 29 और 30 जून, 2023 को अपनी पिछली मणिपुर यात्रा में और हाल ही में की गई यात्रा के दौरान कहा था (मणिपुरी समाज बुरी तरह विभाजित है और शांति, राहत और न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है)। इसके साथ ही खरगे ने कहा कि ये सभी घटनाएं मणिपुर में प्रशासन के पूर्ण पतन की ओर इशारा करती हैं।

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