“इलेक्टोरल बॉन्ड PM मोदी की ‘भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति’ की वो साजिश है, जो..” ,सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने क्या कुछ कहा?
Electoral Bond: गुरुवार (15 फरवरी) को चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि यह स्कीम आरटीआई का उल्लंघन है. कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही कहा है कि एसबीआई सभी पार्टियों से मिले चंदे की जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे और चुनाव आयोग 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट कर कहा कि आज यह बात साफ हो गई मोदी सरकार सिर्फ कमीशन, रिश्वतखोरी और काला धन छिपाने के लिए ही ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ लेकर आई थी. इलेक्टोरल बॉन्ड PM मोदी की ‘भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति’ की वो साजिश है, जो आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो चुकी है. कांग्रेस ने कहा कि PM मोदी की ऐसी भ्रष्टाचारी नीतियां लोकतंत्र के लिए बेहद घातक हैं, देश के लिए खतरा हैं.
खरगे ने सुनाई खरी खोटी
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया. हम आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है.
खरगे ने आगे कहा कि हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और एफएम ने बीजेपी का खजाना भरने के लिए हर संस्थान – आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत लगभग 95% फंडिंग बीजेपी को मिली.
हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारती विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और सुप्रीम कोर्ट की बात सुनेगी, ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे.
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