Swaminathan Report: आंदोलन के बीच स्वामीनाथन की रिपोर्ट कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से गायब
Swaminathan report
पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली का रुख कर रहे हैं. उनके प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी की सीमाओं पर भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की गई है. दिल्ली कूच कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को जल्दी लागू करे. लेकिन इससे पहले स्वामीनाथन की लिखी रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित करने का ऐलान किया है. जहां एक ओर उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलने जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल में इस बात की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले मंत्रालय की वेबसाइट पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सभी खंड मौजूद थे. स्वामीनाथन ने ये रिपोर्ट राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के पद पर रहकर लिखी थीं.
किसान आंदोलन के बीच आई खबर
स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मंत्रालय की वेबसाइट से गायब होने की खबर ऐसे वक्त पर आई, जब MSP पर कानून समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली का रुख कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय की जानी चाहिए.
2004 में हुआ था स्वामीनाथन आयोग का गठन
स्वामीनाथन आयोग का गठन नवंबर 2004 में किया गया था. इसे ‘नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स’ नाम दिया गया था. एमएस स्वामीनाथन इसके अध्यक्ष थे. उन्हीं के नाम पर इस आयोग का नाम पड़ा. एमएस स्वामीनाथन ने किसानों की आर्थिक दशा सुधारने और खेती में पैदावार बढ़ाने को लेकर कई सिफारिशें दी थीं. इस कमिटी ने साल 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कई तरह की सिफारिशें की गई थीं. एमएस स्वामीनाथन ने किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई सुझाव दिए थे. इनमें सबसे अहम सुझाव एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का था. हालांकि, स्वामीनाथन आयोग की इन सिफारिशों को अब तक कोई सरकार पूरी तरह लागू नहीं कर पाई है.