Corruption Index 2023: देश में बढ़े भ्रष्टाचार के मामले, इस रिपोर्ट ने खोली मोदी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ की पोल
भारत में भ्रष्टाचार दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है. एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पिछले साल की तुलना में भ्रष्टाचार बढ़ा है. इस साल भारत भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में 180 देशों में 93 वें स्थान पर है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत का रैंक 85 था लेकिन इस साल भारत का ग्राफ और नीचे गया है. भ्रष्टाचार पर आई यह रिपोर्ट इस बात को दर्शाने के लिए काफी है कि मोदी सरकार में करप्शन का ग्राफ बढ़ता जा रहा है.
180 देशों की हुई रैंकिंग
इस सूचकांक में विशेषज्ञों और व्यापारिक लोगों की धारणा के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के कथित स्तरों को ध्यान में रखकर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की जाती है. इस रैंकिंग के लिए 0 से 100 के पैमाने का उपयोग किया जाता है. जहां 0 अत्यधिक भ्रष्ट है और 100 बहुत ईमानदार का सूचक है.
चीन 76 वें नंबर पर
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में पाकिस्तान (133) और श्रीलंका (115) दोनों ही कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं. हालांकि, दोनों देशों के पास मजबूत न्यायिक निगरानी है, जो सरकार को नियंत्रण में रखने में मदद कर रही है. इस लिस्ट में चीन को 76 वें नंबर पर रखा गया है. चीन ने 35 लाख से अधिक सार्वजनिक अधिकारियों को दंडित करके अपनी आक्रामक भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के साथ सुर्खियां बटोरी हैं.
इसमें कहा गया है कि इन मामलों के गहन अध्ययन से पता चला है कि सरकारी अधिकारी अपनी आय बढ़ाने के एक तरीके के रूप में अक्सर भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र 2024 में एक बड़े चुनावी वर्ष का सामना कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, सोलोमन द्वीप, दक्षिण कोरिया और ताइवान में चुनाव होंगे.