नौजवान किसान की गोली मारकर हुई हत्या, हरियाणा पुलिस छिपा रही है सच

नौजवान किसान की गोली मारकर हुई हत्या, हरियाणा पुलिस छिपा रही है सच

नौजवान किसान की गोली मारकर हुई हत्या, हरियाणा पुलिस छिपा रही है सच

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बुधवार (21 फरवरी) को खनौरी बॉर्डर पर एक 23 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की पुलिस की गोली से मौत के बाद किसानों ने दिल्ली कूच को फिलहाल के लिए रोक दिया है. शुभकरण की मौत से सभी किसानों के बीच दुख का माहोल है. आज किसानों ने शुभकरण की लेकर नारेबाजी की है. किसान मजदूर मोर्चा कोऑर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने पंजाब सरकार से शुभकरण के हत्यारों को सजा देने की मांग की है.

सुखपाल खैरा ने उठाया सवाल

इस बीच ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के चेयरमैन सुखपाल सिंह खैरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों के साथ हो रहे बर्ताव के लेकर बीजेपी सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि आज मैं देश की जनता को सच बताना चाहता हूं, क्योंकि हरियाणा की BJP सरकार सच छिपा रही है और किसानों पर आरोप लगा रही है.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से जुड़े एक नौजवान शुभकरण सिंह की कल गोली मारकर हत्या कर दी गई, लेकिन हरियाणा सरकार यह मानने को तैयार नहीं है. आज अपने ही देश की पुलिस किसानों पर अत्याचार कर रही है. आंदोलन से जुड़े 200 से ज्यादा किसान जख्मी हैं.

सुखपाल खैरा ने आगे कहा कि एक तरफ सरकार किसान नेताओं को मिलने बुला रही है. दूसरी तरफ किसानों पर पुलिस बल प्रयोग कर रही है और आंसू गैस के गोले बरसा रही है. किसानों पर पैलेट्स गन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. ये किस तरह की सरकार है जो अपने ही देश के किसानों के साथ इस तरह की क्रूरता दिखा रही है.

किसानों का कसूर क्या?

ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के चेयरमैन सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि मोदी सरकार किसानों पर गोली चलवाकर जलियांवाला बाग हत्याकांड याद दिला रही है. आखिर किसानों का कसूर क्या है? क्या वह अपने हक की बात नहीं कर सकते? किसान हरित क्रांति और श्वेत क्रांति लेकर आए, जिसके बाद सरकार कहती है कि भारत विकसित हो रहा है. हाइवे और बड़े-बड़े मॉल बना देने से देश विकसित नहीं हो सकता, क्योंकि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलेगा, देश विकास नहीं करेगा.

हरियाणा पुलिस पर उठाए सवाल

उन्होंने इस दौरान हरियाणा पुलिस पर भी सवाल उठाया. खैरा ने कहा कि क्या पुलिस का यह काम है कि वे किसान मोर्चा के अंदर घुसकर ट्रैक्टर ट्राली को तोड़ दें, मोर्चे के झंडों को फाड़ दें और उसे पैर से कुचल दें? यह ड्यूटी नहीं है, ये नफरत है. किसानों को आशंका है कि पुलिस एक्शन के कारण पंजाब का एक नौजवान गायब है और कुछ किसानों को बोरियों में भरकर ले जाया गया है. किसानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल पर कोई एक्शन नहीं हो रहा. जबकि किसान नेताओं और आंदोलन की बात करने वाले लोगों के ट्विटर हैंडल सस्पेंड हो रहे हैं.

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