Bharat Jodo Nyay Yatra: राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से क्या कांग्रेस को होगा फायदा

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नई दिल्ली: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) का असर जमीन पर देखने को मिलने लगा है. 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल से शुरु हुई यह यात्रा कई राज्यों से गुजर चुकी है. अन्याय के खिलाफ न्याय की इस यात्रा में राहुल के साथ हर राज्य से लोग जुड़ते जा रहे हैं.

अलग-अलग राज्यों के लोगों से मिलकर वो उनकी समस्याओं और मुद्दों पर बात कर रहे हैं, जिसकी वजह से लोग भी उनका साथ देने से नहीं कतरा रहे हैं. अब सत्तादल को इस बात का डर सता रहा कि कहीं राहुल गांधी की इस यात्रा का असर आने वाले लोकसभा चुनाव में न दिख जाए. अगर ऐसा हुआ तो चुनाव में उनके राम मंदिर का मुद्दा भी फिका पड़ जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं राहुल गांधी की इस यात्रा से कांग्रेस पार्टी को कितना और क्या फायदा मिलने वाला है.

लोकसभा चुनाव में मिलेगा फायदा

इस यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) से आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुत हद तक फायदा मिलेगा. इसे हम राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की पिछली यात्रा के नतीजों से भी देख सकते हैं. 7 सितंबर 2022 को शुरु हुई उनकी 150 दिन की यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरी, जिसके बाद उन्होंने दो राज्यों- कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को हराकर अपनी सत्ता स्थापित की. पिछली यात्रा से मिले फायदे को देखकर यह कहा जा सकता है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद भी कांग्रेस पार्टी कई राज्यों में भारी मतों के साथ अपनी सरकार बनाएगी. लोकसभा चुनाव में 208 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस और बीजेपी का सीधा मुकाबला है. ऐसे में यह यात्रा इन सीटों पर बीजेपी की पकड़ को कमजोर कर सकती है और कांग्रेस के लिए फेवरेबल साबित हो सकती है.

राहुल गांधी जनता के बीच लोकप्रिय होंगे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी इस यात्रा के बाद जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल होंगे. उन्होंने मणिपुर से यात्रा की शुरुआत कर जनता को यह दिखा दिया है कि वह उनकी परेशानियों से अवगत हैं और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. मणिपुर में क्या हालात हैं, कौन नहीं जानता. राज्य में चल रही हिंसा में भारी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है. कई महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ.

मुद्दा इतना बड़ा हुआ कि देश ही नहीं, विदेश में भी भारत और भारत सरकार की थू-थू हुई. लेकिन इतनी फजीहत के बाद भी एक बार भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में जनता के बीच नहीं गए. एक बार भी उस जनता का हाल जानने की कोशिश नहीं किए, जिसने वोट देकर उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर बैठाया है. सत्ता के अहंकार में चूर केंद्रीय सरकार ने भले ही मणिपुर और उसकी जनता को मरते हाल में छोड़ दिया, पर राहुल गांधी इस बीच कई बार मणिपुर की जनता से मिले और उनकी समस्याओं पर चर्चा किए.

संगठन में आएगी मजबूती

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय हुए हैं. हालांकि वह पहले से भी सक्रिय थे, पर राहुल गांधी जब हर राज्य में जाकर उनसे मिल रहे हैं और उनको जनता की सेवा करने के लिए प्ररित कर रहे हैं, तो उनमें और जोश देखने को मिल रहा है. इससे यह कहा जा सकता है कि राहुल की यह यात्रा कांग्रेस पार्टी को जमीनी तौर पर मजबूत बना रही है.

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