Farmer Protest:’अगर किसानों को दिक्कत हुई तो हम’, अब राकेश टिकैत ने भी खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

Farmer Protest

Farmer Protest

Share this news :

दिल्ली में किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-एनसीआर में लंबा जाम लग गया है. किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही दिल्ली मानो थम सी गई हो. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) भी पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन में शामिल हो सकता है.

गौरतलब है कि मौजूदा किसान आंदोलन में 200 से अधिक किसान संगठन शामिल हैं लेकिन राकेश टिकैत वाला बीकेयू अभी इस से दूर है. बेंगलुरु से बीबीसी से फ़ोन पर बातचीत में टिकैत ने कहा कि वो बुधवार शाम को दिल्ली आ रहे हैं.

हमारी नज़र बनी हुई है: राकेश टिकैत

उन्होंने कहा कि हमारी नज़र बनी हुई है. सरकार और किसानों की बातचीत बेनतीजा साबित हुई क्योंकि सरकार का रुख अड़ियल है. हम आंदोलन का हिस्सा अभी तक तो नहीं हैं. मगर इसका मतलब नहीं है कि हम किसानों के आंदोलन को समर्थन नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच सहमति नहीं बन पाई क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य देने पर सरकार सहमत नहीं हो रही है और मामले को लटकाये रख रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्री बोले

उधर , केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस प्रदर्शन को लेकर दावा किया कि कुछ लोग माहौल खराब करने के प्रयास में हैं. ऐसे में किसानों को उपद्रवियों से दूर रहना चाहिए. यह वक्त हल पर चर्चा का है और उसी पर बात की जानी चाहिए मगर कुछ लोग समाधान नहीं चाहते हैं. किसानों के साथ ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है. पूरे मसले पर मिलकर हल निकालना होगा. सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है और कुछ बातों पर सरकार अभी भी बात करने के लिए तैयार है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, टिकैत ने कहा कि किसानों के पिछले आंदोलन को समाप्त हुए 13 महीने बीत गए हैं लेकिन ना तो आंदोलन कर रहे किसानों पर से आपराधिक मामले वापस हुए हैं और ना ही उन्हें अपनी फसलों का सही मूल्य ही मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने में अभी भी आनाकानी चल रही है, जिसकी वजह से पूरे देश के किसान नुकसान उठा रहे हैं. इस आंदोलन में हम शामिल नहीं थे, लेकिन नाइंसाफ़ी हुई तो हम भी आंदोलन में कूदने पर मजबूर हो जाएंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *