Manipur: जलता मणिपुर, दम तोड़ते लोग… हिंसा की अनदेखी कही बीजेपी को न पड़ जाए भारी
मणिपुर (Manipur) बीते कई महीनों से हिंसा की आग में धधक रही है. अभी तक हजारों स्थानीय लोग अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन राज्य और केंद्र सरकार ने अभी तक इसे गंभीरता से नहीं लिया है. यही वजह है कि मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभी बीते हफ्ते ही मोरेह इलाके में मणिपुर पुलिस के दो कमांडो शहीद हो गए. इसके साथ ही दर्जन भर आम लोग मारे गए.
राहुल गांधी ने मणिपुर से की अपनी यात्रा की शुरुआत
इस बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने मणिपुर (Manipur) से मुंबई तक 6,700 किलोमीटर से ज़्यादा की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी है. उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत मणिपुर से की, जहां हिंसा होने के बावजूद राहुल की यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिली. जिसे देखने के बाद तमाम एक्पर्ट ने कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस को आगामी चुनाव में राहुल की यात्रा का ठीकठाक लाभ मिलेगा. वहीं, इससे उलट बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
कई महीनों से दर्द से गुजरा रहा है मणिपुर
मणिपुर की राजधानी इंफाल के निकट थौबल में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी में एक बड़ी रैली के सामने बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर जिस दर्द से गुज़रा है, हम उस दर्द को समझते हैं. हम वादा करते हैं कि उस शांति, प्यार, एकता को वापस लाएंगे, जिसके लिए ये राज्य हमेशा जाना जाता है.
मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झड़प के बाद शुरू हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर पिछले आठ महीने से ज़्यादा वक़्त से जल रहा है. यहां मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हुई झड़प के बाद हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके बाद से यह राज्य जल रहा है. मणिपुर मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी को अब तक जमकर घेरा है. कांग्रेस मणिपुर के हालात के लिए भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को ज़िम्मेदार ठहराती रही है.
कांग्रेस ने बार बार यह सवाल उठाया है कि आठ महीने से प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? वो एक घंटे के लिए भी इंफाल क्यों नहीं गए ? ऐसे में एक बार तो साफ है कि राज्य की जनता बीजेपी के शिथिलता भरे रवैये से बेहद ही नाराज है, जिसका असर आगामी चुनाव में देखने मिल सकता है.
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