Maratha Reservation: आखिरकार महाराष्ट्र सरकार को हटना पड़ा पीछे, माननी पड़ी मनोज जरांगे पाटिल की सभी मांगे, जानें पूरा मामला
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के लिए आंदोलन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल ख़त्म कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगें स्वीकार कर ली हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें जूस का गिलास दिया, जिसके बाद जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल ख़त्म की.
मुंबई में भूख हड़ताल पर थे पाटिल
बता दें कि पाटिल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर शुक्रवार से मुंबई में भूख हड़ताल पर थे. इस दौरान आंदोलन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा था. जिसे देखते हुए सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा.
सरकार ने जारी किया अध्यादेश
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे की महायुति सरकार ने मराठा आरक्षण के मामले में मनोज जरांगे की सभी मांगों को मंजूर कर लिया है और इस संबंध में एक अध्यादेश भी जारी किया है.शुक्रवार आधी रात को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने वाशी में जरांगे से मुलाक़ात की, जिसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इसमें ये घोषणा की गई कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनकी भूख हड़ताल ख़त्म करने के लिए वाशी आएंगे.
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे ने 26 जनवरी से मुंबई के आज़ाद मैदान पर अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल शुरू करने का एलान किया था. मुंबई पुलिस ने उन्हें मुंबई के आज़ाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठने की इजाज़त देने से इनकार कर दिया था लेकिन इसके बावजूद जरांगे अपने हज़ारों समर्थकों के साथ मुंबई पहुंच गए.
क्या है मनोज जरांगे की मांगें
- मनोज जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय के लोगों के लिए ओबीसी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए.
- मनोज जरांगे की पहली मांग है कि मराठा समुदाय को फुलप्रूफ आरक्षण मिले. जब तक सभी मराठों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता, तब तक वह अपने घर नहीं जाएंगे.
- आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज अपराधों को रद्द करने के लिए एक तारीख तय हो.
- जरांगे ने यह भी मांग रखी थी कि महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए राशि दे और कई टीमें बनाए.
- मराठों को कुनबी जाति प्रमाण-पत्र देने वाला एक सरकारी आदेश पारित किया जाना चाहिए और महाराष्ट्र शब्द जरूर शामिल होना चाहिए.