एक साल भी नहीं चल सका मोदी सरकार का 777 करोड़ रुपए का प्रगति मैदान टनल, राहुल गांधी ने कसा तंज
जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बनाई गई करोड़ों रुपये की प्रगति मैदान टनल (Pragati Maidan Tunnel) परियोजना एक साल में ही तहस-नहस हो गई है. उद्घाटन करते हुए जिसे पीएम मोदी ने दिल्ली के लिए बड़ी उपलब्धी बताई थी, आज वह लोगों के जीवन के लिए संभावित खतरा बन गई है.
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 3 फरवरी को टनल बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को नोटिस जारी किया है. पीडब्ल्यूडी ने गंभीर तकनीकी और डिजाइन कमियों के लिए कंपनी पर 500 करोड़ रूपए का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही पीडब्ल्यूडी ने कंपनी से 15 दिन में जवाब मांगा है.
पीडब्ल्यूडी द्वारा उठाई गई समस्याएं-
- सुरंग के कुछ विस्तार जोड़ों से लगातार रिसाव हो रहा है.
- टनल और अंडरपास में अलग-अलग जगहों पर कई बड़ी दरारें हैं.
- सुरंग के अंदर ड्रेनेज सिस्टम में कई कमियां हैं.
- सुरंग की छत से टपकता पानी और टनल के अंदर जमा पानी से दीवारों पर बने चित्रों को नुकसान पहुंच रहा है.
- आईटीपीओ पार्किंग और ब्रांच टनल के पैच लंबे समय से साफ नहीं किए गए हैं.
कब बनी सुरंग?
बता दें कि जी-20 से पहले पीएम मोदी ने 19 जून, 2022 को प्रगति मैदान इंटीग्रेटिड ट्रांजिट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत इस टनल (Pragati Maidan Tunnel) का उद्घाटन किया था. 1.3 किमी लंबी यह टनल 777 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई थी. पर अभी इसमें पानी भर जाने की वजह से कई मौकें पर इसे बंद रखना पड़ा. टनल में पानी भरे होने की वजह से इसके आसपास के रास्तों पर पहले से ज्यादा ट्रैफिट ब्लॉक हुआ और लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा.
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट कर उन्होंने कहा, “देश में भ्रष्टाचारियों का अमृतकाल चल रहा है. 777 करोड़ रूपए खर्च कर बनाई गई प्रगति मैदान टनल सिर्फ एक साल में उपयोग के लायक नहीं रही. प्रधानमंत्री विकास की हर परियोजना पर ‘प्लानिंग’ की जगह ‘मॉडलिंग’ कर रहे हैं और ED, CBI, IT भ्रष्टाचार से नहीं, लोकतंत्र से लड़ रहे हैं.”
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